Lucknow Big Breking
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Lucknow
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्वतंत्रदेव सिंह के आवास पर जमावडा!!
69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों ने यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आवास पर धरना प्रदर्शन किया तथा हाई कोर्ट में 26 फरवरी से होने वाली सुनवाई में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के पक्ष में उत्तर प्रदेश सरकार बहस कर न्याय दे इस संबंध में गुहार लगाई!!
काफी संख्या में आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी 11:30 बजे टुकडियों में बटकर कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के आवास पर पहुंचे और मंत्री जी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय दो, मंत्री जी बाहर आओ, मंत्री जी बाहर आओ, मुंह में राम बगल में छुरी आदि नारे लगाने लगे!!
हर बार की तरह इस बार भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को न्याय दिए जाने का आश्वासन मिला और सभी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को बस में बैठाकर इको गार्डन भेज दिया गया!!
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि इस भर्ती में 19000 सीट पर आरक्षण का घोटाला हुआ लेकिन सरकार ने जनवरी 2022 में 19000 आरक्षण घोटाले के सापेक्ष 6800 सीट पर आरक्षण घोटाला होना स्वीकार किया लेकिन सरकार द्वारा जनवरी 2022 में 6800 की निकाली गई लिस्ट को लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच ने 13 मार्च 2023 को पूरी तरह से रद्द कर दिया है ऐसी स्थिति में उत्तर प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह अब आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के पक्ष में 26 फरवरी से लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच में शुरू होने वाली फाइनल सुनवाई मे आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों के पक्ष में प्रपोजल पेश कर न्याय देने का कार्य करें ताकि यह मामला पूरी तरह से निस्तारित हो सके!!
वहीं दूसरी तरफ पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप एवं प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह का कहना है मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल से प्राप्त पत्र के आधार पर बेसिक शिक्षा सचिव प्रताप सिंह बघेल ने 19 फरवरी को याची लाभ के संबंध में लोक शिकायत अनुभाग- 2 को प्रकरण निक्षेपित करने के संबंध में पत्र लिखा है!!
आरक्षण पंडित अभ्यर्थियों का स्पष्ट रूप से कहना है कि 19000 आरक्षण घोटाले के सापेक्ष उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा 6800 की जो लिस्ट निकाली गई थी उस लिस्ट का शासनादेश ओबीसी एससी का नहीं बल्कि महिलाओं तथा दिव्यांगों का शासनादेश था तथा यह भर्ती सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संपन्न हो रही है ऐसी स्थिति में यह भर्ती 69000 से ऊपर नहीं हो सकती तथा इस संबंध में मार्च 2022 में लखनऊ डबल बेंच भी उत्तर प्रदेश सरकार को स्पष्ट तौर पर आदेश दे चुकी है की एक सीट पर दो अभ्यर्थी नियुक्त नहीं हो सकते!!
आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि इस भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया गया है तथा अनारक्षित की कट ऑफ 67.11 तथा ओबीसी की कट ऑफ 66.73 के बीच कट ऑफ 0.38 के अंतर पर कैसे ओबीसी कैटागिरी की 18598 सीटों पर नियुक्ति दे दी गई है यह अपने आप में बहुत बड़ा सवाल है!!
एक तरफ योगी सरकार कहती है कि वह हाई कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं वहीं दूसरी तरफ लखनऊ हाई कोर्ट सिंगल बेंच 13 मार्च 2023 को 3 महीने का समय देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को 69000 सहायक शिक्षक भर्ती की सूची को मूल चयन सूची के रूप में बनाने का आदेश दे चुकी है लेकिन आज 10 महीने से अधिक का समय बीत गया उत्तर प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी इस भर्ती की मूल चयन सूची अभी तक नहीं बनाई है यह कहीं ना कहीं हाई कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन है!!
आरक्षण पंडित अभ्यर्थियों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि इस भर्ती में गलत तरीके से लगाए गए सभी 19000 अभ्यर्थियों को इस भर्ती प्रक्रिया से बाहर किया जाए यदि सरकार ऐसा करने में सक्षम नहीं है तो ऐसी स्थिति में जितने भी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी स्पेशल अपील 172/ 2023 महेंद्र पाल बनाम उत्तर प्रदेश सरकार केस के तहत अपने न्याय के लिए हाईकोर्ट डबल बेंच में याची बनकर न्याय के लिए लड़ रहे हैं उन सभी याची अभ्यर्थियों को याची लाभ देकर इस मामले का निस्तारण कर दिया जाए ताकि यह मामला पूरी तरह से निस्तारित हो जाए यदि आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थियों को होली त्योहार से पहले न्याय नहीं मिला तो आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी होली का त्यौहार नहीं मनायेंगे तथा होली बाद सभी आरक्षण पीड़ित अभ्यर्थी एक साथ लखनऊ की सड़कों पर अपने न्याय के लिए उतरेंगे!!
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