नमस्कार 🙏 हमारे न्यूज पोर्टल - मे आपका स्वागत हैं ,यहाँ आपको हमेशा ताजा खबरों से रूबरू कराया जाएगा , खबर ओर विज्ञापन के लिए संपर्क करे +91 9999999999 , +91 99999999999 ,हमारे यूट्यूब चैनल को सबस्क्राइब करें, साथ मे हमारे फेसबुक को लाइक जरूर करें , Delhi Big Breaking – भारत की आवाज

भारत की आवाज

Latest Online Breaking News

Delhi Big Breaking

😊 कृपया इस न्यूज को शेयर करें😊
[print_posts pdf="no" word="no" print="yes"]

Delhi Big Breaking

वन नेशन वन इलेक्शन पर केंद्र की बड़ी तैयारी, जारी सत्र में पेश हो सकता है बिल…!!

केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ‘एक देश एक चुनाव’ को लेकर लगातार एक्टिव है. सरकार इस पर लगातार काम भी कर रही है. सूत्रों का कहना है कि सरकार जारी संसद के शीतकालीन सत्र में ही ‘एक देश एक चुनाव’ से संबंधित बिल ला सकती है.
सरकार से जुड़े सूत्रों का मानना है कि इस बिल पर विस्तृत चर्चा के लिए संसद की संयुक्त समिति के पास भी भेजा जा सकता है. सरकार चाहती है कि इस बिल पर आम राय बनाई जाए. इसके लिए सभी हितधारकों से विस्तृत चर्चा कराई जाएगी. जेपीसी सभी राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से चर्चा करेगी. साथ ही, सभी राज्य विधानसभाओं के स्पीकरों को भी बुलाया जा सकता है. देश भर के प्रबुद्ध लोगों के साथ ही सिविल सोसायटी की भी इस संबंध में राय ली जाएगी!!

कोविंद समिति ने क्या दी सिफारिश…!!

सरकार ने पिछले कार्यकाल के दौरान सितंबर 2023 में इस महत्वाकांक्षी योजना पर आगे बढ़ने के लिए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अगुवाई में एक समिति का गठन किया था. कोविंद समिति ने अप्रैल-मई में हुए लोकसभा चुनाव की घोषणा से ठीक पहले मार्च में सरकार को अपनी सिफारिश सौंप दी थी. केंद्र सरकार ने कुछ समय पहले समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया. समिति की ओर से अपनी रिपोर्ट में 2 चरणों में चुनाव कराने की सिफारिश की गई!!

समिति ने पहले चरण के तहत लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराने की सिफारिश की है. जबकि दूसरे चरण में स्थानीय निकाय के लिए चुनाव कराए जाने की सिफारिश की गई है!!

निकाय चुनाव के लिए 50 फीसदी समर्थन जरूरी…!!

प्रस्तावित संविधान संशोधन विधेयकों में से एक विधेयक निकायों के चुनावों को लोकसभा और विधानसभा के साथ जोड़ने को लेकर होगा, हालांकि इसके लिए कम से कम 50 फीसदी राज्यों से समर्थन की जरूरत होगी!!

जबकि ‘एक देश एक चुनाव’ से जुड़े बिल में विधानसभाओं के विघटन और अनुच्छेद 327 में संशोधन किया जाएगा और उसमें ‘एक देश एक चुनाव’ शब्द को शामिल किया जाएगा. इसके लिए 50 फीसदी राज्यों के समर्थन की जरूरत नहीं होगी!!

संवैधानिक रूप से चुनाव आयोग और राज्य चुनाव दोनों ही अलग-अलग निकाय होते हैं. चुनाव आयोग को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, लोकसभा, राज्यसभा, राज्य विधानसभाओं और राज्य विधान परिषदों के लिए चुनाव करवाना होता है, जबकि राज्य चुनाव आयोग अपने राज्यों में नगर पालिकाओं और पंचायतों का चुनाव करवाता है!!Big breking

Whatsapp बटन दबा कर इस न्यूज को शेयर जरूर करें 

Advertising Space


स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे.

Donate Now

आणखी कथा

लाइव कैलेंडर

December 2024
M T W T F S S
 1
2345678
9101112131415
16171819202122
23242526272829
3031  

You May Have Missed

[responsivevoice_button voice="Hindi Male"]