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केंद्र का लोकसभा में जवाब,बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!!
दिल्ली
बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग लंबे समय से उठती रही है. हाल के दिनों में NDA में शामिल कई सियासी दलों ने इस मांग का समर्थन किया था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए. इसे लेकर सोमवार को जब संसद में जेडीयू के रामप्रीत मंडल ने सरकार से सवाल पूछा तो वित्त राज्य मंत्री ने कहा कि राज्य स्पेशल स्टेटस की क्राइटेरिया में बिहार में फिट नहीं है!!
रामप्रीत मंडल ने सवाल पूछा, ‘क्या सरकार का आर्थिक विकास और औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देने के लिए बाहर राज्य और अन्य अत्यधिक पिछड़े राज्यों को विशेष राज्य दर्जा प्रदान करने का विचार है?यदि है, तो इसका ब्यौरा दें!!
इस सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, ‘अतीत में राष्ट्रीय विकास परिषद (एनडीसी) द्वारा कुछ राज्यों को योजना सहायता के लिए विशेष श्रेणी का दर्जा दिया था जिनकी कई विशेषताएं थीं, जिन पर विशेष ध्यान देने की जरूरत थी। इन विशेषताओं में पहाड़ी और कठिन भू-भाग, कम जनसंख्या या जनजातीय आबादी का बड़ा हिस्सा, पड़ोसी देशों के साथ सीमाओं का रणनीतिक स्थान, आर्थिक और अवसंरचनात्मक पिछड़ापन तथा राज्य वित्त की अलाभकारी प्रकृति शामिल थी!!
वित्त राज्य मंत्री ने कहा, ‘पूर्व में विशेष श्रेणी के दर्जे के लिए बिहार के अनुरोध पर एक अंतर-मंत्रालयी समूह (आईएमजी) द्वारा विचार किया गया था जिसने 2012 में रिपोर्ट सौंपी थी, आईएमजी ने यह निष्कर्ष निकाला था कि मौजूदा एनडीसी मानदंडों के आधार पर बिहार के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे का मामला नहीं बनता है!!
वित्त राज्य मंत्री के इस बयान पर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चुटकी ली है. RJD ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “बिहार को नहीं मिलेगा विशेष राज्य का दर्जा!” संसद में मोदी सरकार. नीतीश कुमार और JDU वाले अब आराम से केंद्र में सत्ता का रसास्वादन करते हुए ‘विशेष राज्य के दर्जे’ पर ढोंग की राजनीति करते रहें!!
वहीं दिल्ली पहुंचे आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी है। लोकसभा में सरकार की तरफ से विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिए जाने वाले जवाब पर लालू यादव ने कहा, ‘नीतीश कुमार ने कहा था विशेष राज्य का दर्जा दिलवाएंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस्तीफा दें। हम विशेष राज्य का दर्जा लेकर रहेंगे, केंद्र को देना होगा विशेष राज्य का दर्जा!!
दरअसल, बजट से ठीक पहले बिहार को विशेष राज्य दर्जा दिलाने की आवाज लगातार बुलंद हो रही थी। एनडीए के सहयोगी दलों ने एकसुर में कहा था कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिले. नीतीश कुमार की जेडीयू, जीतनराम मांझी की हम और चिराग पासवान की एलजेपी ने भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा की मांग की थी. जेडीयू नेता ने कहा विशेष राज्य बिहार की आवश्यकता है तो वहीं, HAM ने कहा बिना इसके हम विकास कर नहीं पा रहे हैं। हमारे पास संसाधनों का अभाव है.. इसलिए बिहार को विशेष राज्य दर्जा मिलना चाहिए!!
चिराग पासवान की पार्टी के सांसद अरुण भारती ने बिहार के लिए विशेष राज्य का दर्जा की मांग पर बोलते हुए कहा कि हर हाल में विशेष राज्य का दर्जा मिलेगा… नीति आयोग के प्रावधानों को बदलने की जरूरत पड़ी तो गठबंधन के नेताओं के साथ बैठकर विचार विमर्श किया जाएगा!!
विशेष श्रेणी का दर्जा मिलने पर केंद्र सरकार उस राज्य को केंद्र प्रायोजित योजनाएं लागू करने के लिए 90 प्रतिशत धनराशि देती है, जबकि अन्य राज्यों में यह 60 प्रतिशत या 75 प्रतिशत होती है। बाकी धनराशि राज्य सरकार खर्च करती है। यदि आवंटित धनराशि खर्च नहीं की जाती है तो वह समाप्त नहीं होती है तथा उसे कैरी फॉरवर्ड यानी आगे ले जाया जाता है। राज्य को सीमा शुल्क, आयकर और कॉर्पोरेट कर सहित करों और शुल्कों में भी महत्वपूर्ण रियायत मिलती हैं। केन्द्र के सकल बजट का 30 प्रतिशत हिस्सा विशेष श्रेणी वाले राज्यों को जाता है!!
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