मौसम के लेकर पूर्वानुमान करना काफी चुनौती भरा हो सकता है!!
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मौसम के लेकर पूर्वानुमान करना काफी चुनौती भरा हो सकता है!!
इस के बाद भी कोई गारंटी नहीं होती है कि वह सही ही होगा. लेकिन अब एक एडवांस सैटेलाइट टेक्नोलॉजी से मौसम के बारे में पता लगाया जा सकेगा. INSAT-3DS की मदद से मौसम पूर्वानुमान और आपदा प्रबंधन के लिए डेटा और इमेजरी मिल सकेगी. इस एडवांस सैटेलाइट टेक्नोलॉजी की मदद से आसानी से मौसम का पूर्वानुमान लगाया जा सकेगा!!
17 फरवरी को होगी लॉन्चिंग!!
17 फरवरी को INSAT-3DS की लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा से होने वाली है. 2,274 किलोग्राम वजन वाली ये सैटेलाइट देश भर के मौसम के पैटर्न के बारे में बताने में सक्षम होगी. इसे पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय ने फंड किया है. इस टेक्नोलॉजी की मदद से मौसम की सटीक भविष्यवाणी और मॉनिटरिंग की जा सकेगी!!
मिलेगी बेहतर इमेज और डेटा!!
INSAT-3DS की मदद से हाई रेजोल्यूशन इमेज के साथ बेहतर सैटेलाइट डेटा मिल सकेगा. इसके मौसम वैज्ञानिक बेहतर और सटीक तरीके से मौसम की भविष्यवाणी कर सकेंगे. इतना ही नहीं चक्रवात, मानसून सिस्टम, तूफान और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं जैसी जलवायु घटनाओं पर नजर रखने में काफी आसानी होगी!!
दरअसल, INSAT-3DS सैटेलाइट सीरीज का हिस्सा है. इससे पहले INSAT-3D और INSAT-3DR सैटेलाइट की भी लॉन्चिंग हो चुकी है. ये दोनों ही सैटेलाइट साल 2003 और 2016 में अपनी लॉन्चिंग के बाद से इन दोनों सैटेलाइट को अपनी सटीक पूर्वानुमान के लिए जाना जाता है!!
हर मौसम की सटीक जानकारी!!
INSAT-3DS में चार पेलोड हैं. इनकी मदद से हर मौसम संबंधी जानकारी दी जा सकेगी. इतना ही नहीं आपदा प्रबंधन में बेहतर डेटा देने के लिए इसे डिजाइन किया गया है. इन पेलोड में एक इमेजर, एक साउंडर, एक डेटा रिले ट्रांसपोंडर और एक सैटेलाइट-एडेड सर्च और रेस्क्यू ट्रांसपोंडर शामिल हैं!!
मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजर!!
INSAT-3DS पर मल्टी-स्पेक्ट्रल इमेजर छह ववेलेंथ बैंड में धरती की छवियों को कैप्चर करेगा. इसकी मदद से मौसम विज्ञानी ज्यादा सटीकता के साथ मौसम के पैटर्न की भविष्यवाणी कर सकेंगे. इतना ही नहीं बल्कि इसके एडवांस फीचर्स की मदद से अलग-अलग ऊंचाई पर तापमान और आर्द्रता पर जरूरी जानकारी भी आसानी से मिल सकेगी!!
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