गाजियाबाद में हत्या करने जा रहे थे कांट्रैक्ट किलर, हापुड़ पुलिस ने किया लंगड़ा।
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बड़ी खबर
गाजियाबाद में हत्या करने जा रहे थे कांट्रैक्ट किलर, हापुड़ पुलिस ने किया लंगड़ा।
हापुड़ जिले के थाना हाफिजपुर पुलिस और स्वाट टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है। चेकिंग के दौरान पुलिस टीम की बदमाशों से हुई मुठभेड़ में ऐसे कॉन्ट्रैक्ट किलर्स को गिरफ्तार किया है। जो कि सुपारी लेकर हत्या की घटना को अंजाम देते थे। पुलिस ने गिरोह के चार बदमाशों को गिरफ्तार किया, जबकि मुठभेड़ में एक बदमाश घायल हो गया।
क्या है पूरा मामला।
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि देर रात हाफिजपुर पुलिस और स्वाट टीम क्षेत्र में चेकिंग कर रही थी, तभी एक बाइक पर सवार होकर तीन संदिग्ध आ रहे थे। पुलिस टीम ने उन्हें रुकने का इशारा किया तो बाइक सवारों ने बाइक की रफ्तार बढ़ा दी और उन्होंने भागने का प्रयास किया। पुलिस उनका पीछा करने लगी तो बदमाशों ने पुलिस पर फायर कर दिया। पुलिस की जवाबी कार्रवाई में मोंटी पुत्र जोगेंद्र गोली लगने से घायल हो गया। पुलिस टीम ने मोंटी, ललित, ओमवीर समेत तीन बदमाश को गिरफ्तार कर लिया।
एक पेट्रोल पंप से हुआ गिरफ्तार।
एसपी अभिषेक वर्मा नें बताया कि पूछताछ में बदमाशों ने बताया कि वह अपने साथी सल्लू यादव उर्फ सुरेंद्र के साथ गाजियाबाद जिले के अजय यादव की हत्या करने के लिए जा रहे थे, जिनको समय रहते पुलिस टीम ने गिरफ्तार कर लिया। एसपी ने बताया कि इन बदमाशों के एक साथी सल्लू यादव को सोना पेट्रोल पंप के पास से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि बदमाशों ने पूछताछ में बताया कि यह सभी बदमाश पैसे लेकर हत्या करते हैं।
तीन बीघा जमीन को लेकर शुरू हुई कहानी।
सुरेंद्र उर्फ सल्लू के गांव के ही रहने वाले उसके चाचा के बेटे राजेंद्र यादव के यहां उनका आना-जाना है। राजेंद्र का छोटा भाई सतेंद्र है, जो मानसिक रूप से कमजोर है। आरोप है कि गांव के ही रहने वाले अजय यादव ने पौने तीन बीघा जमीन धोखे से हड़प ली है और 10 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से जमीन का बैनामा करा दिया। जबकि जमीन की कीमत 30 से 35 लाख प्रति बीघा है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि जमीन बेचने के दौरान सत्येंद्र को डेढ़ लाख रुपए बैंक खाते में दिए और अन्य रुपये का चेक दिया गया था, जिनका अभी तक भुगतान भी नहीं हो पाया। मामले की जानकारी जब राजेंद्र को लगी तो उसने दाखिला खारिज करने के लिए गाजियाबाद कोर्ट में वाद दायर किया जो न्यायालय में विचारधीन है। पुलिस की मानें तो लगभग एक महीने पहले अजय यादव ने अपने साथियों के साथ मिलकर सत्येंद्र के खेत पर कब्जा कर लिया। जब राजेंद्र व उसके भांजे ने इसका विरोध किया तो अजय ने उन्हें जमकर पीटा था।
घटना को अंजाम देने जा रहे थे अपराधी।
इस घटना के बाद राजेंद्र अपने साथ हुई मारपीट और जमीन के कब्जे को लेकर अंदर ही अंदर वह काफ़ी परेशान था। जिसके बाद राजेंद्र ने अजय से बदला लेने की योजना बनाई और उसकी हत्या सुपारी दे दी। हत्या का सौदा 20 लाख रुपए में तय हुआ जिसमें 10 लाख हत्या से पहले और 10 लाख रुपए हत्या के बाद देने की बात हुई। अजय की हत्या के लिए राजेंद्र ने सुरेंद्र और पुष्पेंद्र से संपर्क किया था। पुलिस ने बताया कि पैसे लेकर हत्या करने वाले मनीष उर्फ मोंटी अपने साथियों के साथ मिलकर अजय यादव की हत्या के लिए गाजियाबाद जा रहे थे, लेकिन थाना हाफिजपुर पुलिस और स्वाट टीम ने बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया।
यह हुआ बरामद।
पुलिस ने बताया कि बदमाशों के कब्जे से दो अवैध हथियार, दो खोखा व दो जिंदा कारतूस, एक अवैध तमंचा मय एक जिंदा व एक मिस कारतूस, चोरी की एक मोटरसाइकिल, नकद, आधार कार्ड, पैन कार्ड, एक चोरी का मोबाइल फोन बरामद किया गया है।
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